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कादम्बरी / पृष्ठ 44 / दामोदर झा

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9.
यमराजो निरमल एगारहम काम बारहम रचलनि
दक्ष अपन कन्याक नाम मुनि तथा अरिष्टा रखलनि।
ताही दुहु कन्यासँ दुइ गन्धर्व-वंश पसरल अछि
तेरह चौदह संख्या दुहु जकरा रहने पूरल अछि॥

10.
ततय चित्ररथ मुनिक तनय छथि सब गन्धर्व अधीश्वर
चित्रसेन इत्यादि अनुज पन्द्रहसँ जे छथि सेसर।
दोसर राजा हंस नाम छथि ततय अरिष्टा बालक
तुम्बूरू इत्यादि छबो अनुजहुँ केर जे प्रतिपालक॥

11.
दूनु राजा प्रेम परस्परसँ सानन्द रहै छथि
पुनि दूनू विश्वासपात्र बनि इन्द्रक आदर लै छथि।
नाम किम्पुरुष वर्ष ततय अछि हेमकूट धरणीधर
बहुत दूर नहि निकट एतयसँ नाना रत्न मनोहर॥

12.
तकरे शिखर उपर दुहु नृप केर फूट-फूट राजधानी
सजल-धजल अनुपम छथि शोभित जनु स्वर्गक दुहु रानी।
ततय हिनक सेवारस नन्दित छथि गन्धर्व हजारो
सभक हिनक सम वस्त्राभूषण हिनके सन आगारो॥

13.
चन्द्रकिरण सम्भूत वंशमे गौरी नामक कन्या
जनमलि विधुमण्डल सन सुन्दरि तीन लोकमे धन्या।
हंसगामिनी गौरी केर करग्रहण हंस नृप कयलनि
प्रेम परस्पर भोग विलासे यौवन-काल रमओलनि॥