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चन्द्रमा / सुभाष काक
Kavita Kosh से
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चन्द्रमा को केवल देखिए नहीं
नीचे ले आइए।
इसकी आकृति
अपने साथ रखिए
थैली में,
गोल पैसे की तरह।
इसे काटिए
बाँटिए।
इसे दो बनाकर
आँखों पे रखिए
सुख चैन के लिए।