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श्लोक-नारायणं हृषीकेशं गोविन्दं गरुड़ध्वजम्‌‌ / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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श्लोक-नारायणं हृषीकेशं गोविन्दं गरुड़ध्वजम्‌‌।
श्लोक-वासुदेवं ह्रिं कृष्णं केशवं प्रणमायहम्‌‌॥