Last modified on 16 दिसम्बर 2013, at 10:59

प्रभु! मोहि दे‌उ साँचौ प्रेम / हनुमानप्रसाद पोद्दार

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:59, 16 दिसम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |स...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रभु! मोहि दे‌उ साँचौ प्रेम।
भजौं केवल तुमहि, तजि पाखंड, झूँठे नेम॥
जरै बिषय-कुबासना, मन जगै सहज बिराग।
होय परम अनन्य तुहरे पद-कमल-‌अनुराग॥