गिरि-परबतवा के रउता हे, बाँसवा कटवले, आहो रामा, बाँसवा कटवले,
कि हो सालत पथलवा हो राउत, कमिया सीतवले।।१।।
कमिया सीतवले रउता हे, बड़ा गुन कइले,
कि हो रउता हे, रिमिकि-झिमिकि रउता हे झालर बिनवले।।२।।
झालरि बिनवले रउता हे, दवना-मरुअवा हे,
रउता झालर छववले, आहो रामा, झालर छववले।।३।।
हमरी झलरिया सँवरी हे, लीक-लीक डंटिया,
कि हाँ रे, ऊपरे लागेला मँजूरा के पँखिया।।४।।
हाँ री, हमारो झलरिया सँवरो हे, अति जुडि़ छहियाँ
तनिक चली आव।।५।।
हाँ रे, कइसे के जइबो तोहरी झलरिया,
कि मइल कपड़वा, नये रंग वेदना।।६।।
कि मइले कपड़वा सँवरो हे, धोबिया घरे देइ देहु,
कि आहो सँवरो हे, नये रंग वेदना हमरा के दान देहु रे।।७।।
हाँ रे, हमरो वेदना रउता हे, बिखी के घरिलवा
कि हो जेहि रे भोगे से मरि जाय।।८।।
हाँ रे, तोहरो वेदना सँवरो हे, बिखी के घडि़लवा,
आहे विखी के घडि़लवा, त आहे सँवरो हे, तोहरी बिअहुआ कहसे भोगे।।९।।
हाँ रे, हमरो बिअहुआ रउता हे, गुडुला के मितवा,
ओही से भोगेले दिनवा-रतिया, कि आहे रउता हे।।१0।।
हाँ रे, तोहरो बिअहुआ सँवरो गुड़ुल के मितवा,
कि आहे सँवरो हे, त हमहूँ उनके लागीं छोट भाई।।११।।