Last modified on 20 दिसम्बर 2013, at 09:06

जेठ-बइसाखवा के भूँभुर हे / भोजपुरी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:06, 20 दिसम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञात |अनुवादक= |संग्रह=थरुहट के ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जेठ-बइसाखवा के भूँभुर हे, कि भुँइयाँ पग दिहलो ना जाय।
गोर तोरे लागिले बिअहुआ, कि मोरा लेहू डोलवा फनाय।।१।।
कहवाँ ही पइबों डोलवा के डँड़िया, कहवाँ ही मिलिहें कँहार
कहवाँ ही मिलिहें पाँचों बाजन रे, कहवाँ ही मिलिहें कहाँर।।२।।
हाँ रे, पूरुब ही मिलिहें डोलिया से डँड़िया, पछिमहीं मिलिहें कँहार।
कि मोरंग मिलिहें पाँचो बाजन रे, पछिमहीं मिलिहें कँहार।।३।।