Last modified on 24 दिसम्बर 2013, at 10:49

पुरुबे नेवतिहे रे बारी / भोजपुरी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:49, 24 दिसम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञात |अनुवादक= |संग्रह=थरुहट के ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पुरुबे नेवतिहे रे बारी, उगल सुरुजवा के,
सुन रे बारी, पछिमें में बीर सुबहान रे।।१।।
उतरे नेवतिहे रे बारी, पाँचों पाँडो भीमवा के,
सुन रे बारी हे, दखिने में वीर हनुमान रे की।।२।।
अकसे नेवतिहे रे बारी, अकसा कमीनियाँ के, पतलहीं बासुदेव नाग रे।।३।।
डीह चढ़ि नेवतिहे बारी, डीह-डीहुअरवा के, गउँवा चढ़ि बढ़म मसान रे।।४।।
एतना नेवति के बारी, घरे चलि अइहे,
सुन रे बारी हे, गोतिनी के लड़िका बहुत बारे रे।।५।।
थोड़े जे खइहें, बहुत गिरइहें, सुन रे बारी हे, जगवा त दीहें जग भाँड़ रे की।।६।।