भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नवल बृन्दाबन सोभा-धाम / हनुमानप्रसाद पोद्दार
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:55, 6 जनवरी 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
नवल बृन्दाबन सोभा-धाम।
नवल बसंत, नवल मलयानिल, तरुवर नवल ललाम॥
नवल कुसुम, मकरंद नवल, रस-लोलुप नवल मिलिंद।
नवल मोर, सुक-सारि-कोकिला कुहकत नवल सुछंद॥
नवल किसोर, नवल लीला रत नवल किसोरी संग।
नवल प्रेम, आनंद नवल, अति मूर्छित नवल अनंग॥