नेता लोगे घुमै लागे,
अपनी-अपनी जजमानी मा.
उठौ काहिलऊ, छोरौ खिचरी
मारो हाथ बिरयानी मा.
इहई वार्ता होति रही कल,
रामदास-रमजानी मा.
दूध कई मटकी धरेउ न भईया,
बिल्ली के निगरानी मा.
नेता लोगे घुमै लागे,
अपनी-अपनी जजमानी मा.
उठौ काहिलऊ, छोरौ खिचरी
मारो हाथ बिरयानी मा.
इहई वार्ता होति रही कल,
रामदास-रमजानी मा.
दूध कई मटकी धरेउ न भईया,
बिल्ली के निगरानी मा.