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ताजमहल / मन्त्रेश्वर झा
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ने ताज, ने महल
शाहजहाँक जहल
कलाकार-कारीगर के पेट भरल,
हाथ कटल,
बढ़ल-बढ़ल श्मशानक दृष्टि,
घटल कि टुटल कतेक अदृष्ट
फोटोग्राफर, पर्यटक के मेला
प्रेमो लेल बाप रे चाही कतेक अधेला
देखल ने, ताज ने महल
इजोतक अन्हार कि अन्हारक इजोत गुनल
शाहजहाँक महल।