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सुविधाभोगी / मन्त्रेश्वर झा

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भाइ, अहाँ मानैत छी किए ने
जे अहाँ सुविधाभोगी भऽ गेल छी
सुविधा अहाँक दास अछि, खबास अछि।
अलबत्ता इहो बात तऽ छैकेे
जे अहूँ ओकर खबास भऽ गेल छी,
अहाँ समय के बन्हने छी
तऽ समयो अहाँके बन्हने अछि
बिना समय ठिकौने
ने अहाँ ककरो भेंट करै छी,
ने अहाँ के कऽ सकैए क्यो ‘डिस्टर्ब
हँ भाइ, अहाँ मानू जे अहाँ
दिन ताकि के ठहाका लगबैत छी
अपन सुविधा देखि
अहाँ ककरो सँ गला मिलबैत छी,
डिस्को मे कि क्लब मे
अपन पत्नी आ अनकर पत्नी मे
कोनो भेद नै करै छी,
कतेक समदर्शी भऽ जाइत छी अहाँ
जखन कोनो मौगीक गला मिलि नचैत छी
मोन पाडू भाइ।
अहाँ कहने रही, कहिते छी
ओह कतेक गंदा रहैत छैक गाम
एक पेरिया कच्चा रस्ता
सौंसे झाड़ झंखाड़, जकाँ पसरल गरीबी
ओही चौक पर गन्दा गिलास मे चाह
भुटाइक दोकानक पान
अहाँ सनक लोक लेल कोनो लाइफ छै गाम मे
ने कोनो सुख ने सुविधा आ ताहि पर
गरीब संबंधिक लोकनिक
विलाप सुनबाक दुविधा,
सौंसे पसरल अन्हार
राति बिराति चोर जकाँ
कखनो के अबैत विजली,
ने सिनेमा ने टी. भी. ने बाजार ने पब
लोकक अजबे गप गजबे ढब,
भाइ अहाँ मानू जे आब
अहाँ पूर्णतः सुविधा भोगी भऽ गेल छी,
जहिया जेना रही तेना रही
मुदा इहो मानू भाइ जे
अहाँ दोयम दर्जाक सुविधाभोगी छी
एकम् दर्जाक सुविधा भोगी
तऽ रहैत अछि लंदन मे, न्यूयार्क मे
पेरिस मे कि डेनमार्क मे
से जायत तऽ रहत अहाँक बेटा,
आ कि ओकर बेटाक बेटा,
आ अहूँक खिधांस करत ओहिना
जेना करैत छियनि अहाँ
चुनचुन काका के
खैर, तहिया जे हेतैक से हेतैक
एखन किएक करब तकर मथपिच्ची
करैत रहू सुविधाभोग
दाइ मजूर के कहियो मनुक्ख नै बुझलिऐ
आबे किएक बुझबै भाइ
मारू गोली पुरातनपंथी
गुरु मंत्रक जाप
जपैत रहू करैत रहू अपन सुविधा भोगक जाप
आ हमर बात रखबा ले मानि लियऽ एक्को बेर
जे अहाँ सुविधाभोगी छी
दोयम दर्जाक सुविधा भोगी।