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पावन पावक प्रेम कौ / हनुमानप्रसाद पोद्दार
Sharda suman
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पावन पावक प्रेम कौ प्रगट्यौ जब अनिवार।
पाप-ताप, संदेह-भय भए तुरत जरि छार॥