सकल साधनों की फलरूपा त्याग-प्रेम की मूर्ति।
भुक्ति-मुक्ति-इच्छासे विरहित माधव-इच्छा-पूर्ति॥
परम शुद्ध सेवा का रखतीं ये आदर्श महान।
प्रिय-सुखैक-इच्छारूपा, इनके लोभी भगवान॥
प्रेम-रसाबुधि इनमें पावन उठती लहर अपार।
दिव्य रासलीला करते हरि इनके संग उदार॥