भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रसिया / गोपालप्रसाद व्यास

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:11, 15 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोपालप्रसाद व्यास |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छोरा है जइयौं हुसियार,
गाम में नेता आवैगौ।
गाम में नेता आवैगौ,
संग में धन्नौ लावैगौ।
धन्नौ लावैगौ और
पामन पर जावैगौ।
पामन पर जावैगौ,
बइयरन कूँ फुसलावैगौ।
उन्हें साड़ी पहनावैगौ,
बड़ेन कूँ कम्बल लावैगौ।
और चौधरी साहब कूँ,
चुपके से नोट थमावैगौ।
कि कर लेउ दरसन पहली बार,
फेरि पहचान न पावैगौ।
मिलन दूभर है जावैगौ,
जो कुछ कहनौ होइ कहि लेउ,
फेर नहिं औसर आवैगौ।
छोरा है जइयौं हुसियार,
गाम में नेता आवैगौ।