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आल्हा ऊदल / भाग 20 / भोजपुरी

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एत्तो बारता बा रुदल के आल्हा के सुनीं हवाल
केत्ता मनौलीं बघ रुदल के लरिका कहल नव मानल मोर
बावन कोस के गिरदा में बघ रुदल डिगरी देल पिटवाय
लिखल पाँती बघ रुदल तिलरी में देल पठाय
तेली बनियाँ चलल तिलरी के लोहन में आफत काल
पाँती भेजवो नरबर गढ़ राजा मेदनी सिंह के दरबार
चलल जे राजा बा मेदनी सिंह मोहबा में पहुँचल जाय
आइल राजा मकरन्ना गढ़ मोरंग के राज पहुँचल वाय
चलल जे राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय
आइ राजा डिल्ली के सुरजन सिंह
बुढ़वा सैयद बन्नारस के नौं नौ पूत अठारह नात
ओनेहल बादल के थमवैया लोहन में बड़ चण्डाल
मियाँ मेहदी है काबुल के हाथ पर खाना खाय
उड़ उड़ लड़िहें सरगे में जिन्ह के लोथ परी जै खाय
चलल जे राजा बा लाखन सिंह लाखन लाख घोड़े असवार
नौ मन लोहा नौमनिया के सवा सौ मन के सान
उन्ह के मुरचा अब का बरनौ सौ बीरान में सरदार
आइल राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय
जेत्ता जे राजा बा लड़वैया रुदल तुरत लेल बोलाय
जेत्ता जे बा लड़वैया जिन्ह के सवा लाख असवार
एत्तो बारता बा राजा के रुदल के सुनीं हवाल