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आल्हा ऊदल / भाग 23 / भोजपुरी

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लै डुबावत बा आल्हा के गंगा में डुबावत बाय
फाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गंगा तीर पहुँचल बाय
पड़ल लड़ाई है छोटक से
तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोला उन्ह के खटर खटर तरवार
जै से छेरियन में हुँड्डा पर वैसे पलटन में पड़ल रुदल बबुआन
जिन्ह के टॅगरी- धै के बीगे से त. चूरचूर हाये जाय
मस्तक भरे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहाय
थापड़ भोर ऊँटन के चारु सुँग चित्त होय जाय
सवा लाख पलटन कर गल छोटक के
जौं तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय
भागल तिलंगा छोटक के राजा इंदरमन के दरबार
कठिन लड़ंका बा कघ रुदल सभ के काट केल मैदान
एत्ता बारता इंदरमन के रुदल के सुनौं हवाल
लैं उतारल बजड़ा से धरती में देल धराय
आखा खोल के रुदल देखे छाती मारे ब के हाथ
लै चढ़ावल पलकी पर दुरगौली में गैल बनाय
एत्तो बारता बा आल्हा के इंदरमन के सुनीं हवाल
बीड़ा पड़ गैल इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय
मारु बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम
एकी एका दल बटुरे दल बावन नब्बे हजार
बावन मकुना खोलवाइन एकदंता तीन हजार