Last modified on 22 मई 2014, at 12:31

मुरसिद मेरा मरहमी / नानकदेव

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:31, 22 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुरु नानकदेव |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुरसिद मेरा मरहमी, जिन मरम बताया।
दिल अंदर दिदार है, खोजा तिन पाया॥१॥

तसबी एक अजूब है, जामें हरदम दाना।
कुंज किनारे बैठिके, फेरा तिन्ह जाना॥२॥

क्या बकरी क्या गाय है, क्या अपनो जाया।
सबकौ लोहू एक है, साहिब फरमाया॥३॥

पीर पैगम्बर औलिया, सब मरने आया।
नाहक जीव न मारिये, पोषनको काया॥४॥

हिरिस हिये हैवान है, बस करिलै भाई।
दाद इलाही नानका, जिसे देवै खुदाई॥५॥