भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जो यह है / एरिष फ़्रीड / प्रतिभा उपाध्याय
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:20, 14 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एरिष फ़्रीड |अनुवादक=प्रतिभा उपा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
विवेक इसे
मूर्खता कहता,
प्यार कहता
यह है,
वही जो यह है।।
अनुमान इसे
दुर्भाग्य कहता,
डर कहता
दर्द के सिवा यह कुछ नहीं,
सहजबोध इसे
भविष्यहीन कहता,
प्यार कहता
यह है,
वही जो यह है।।
अहंकार इसे
हास्यास्पद कहता,
सतर्कता कहती
लापरवाह,
अनुभव इसे
असंभव कहता,
प्यार कहता
यह है,
वही जो यह है।।