भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कोने बहिनी पातरि-छीतरि / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:58, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कोने बहिनी पातरि-छीतरि, कोने बहिनी मोट
कोने बहिनी लोढ़य कमलक फूल
फुलबा लोढ़इते विषहरि गेली मउलाइ
माझे रे कदम तर विषहरि गेली मउलाइ
जएह किछु मंगबें अभगली झटपट मांग
जायब मृतभुवन होइ छै सांझ
पुत्र जे देब विषहरि, छीनि जुनि लेब
बांझी पद छोड़ायब विषहरि, पति राखि लेब