भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
श्यामल पहुनमा बिनु निन्दियो ने भावे / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:19, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
श्यामल पहुनमा बिनु निन्दियो ने भावे, सुनू हे सजनी
मनमा चोरौने नेने जाय
नीको नहि लागे मोरा, दिन और रतिया, सुनू हे सजनी
दुअरो अंगनमा ने सोहाय
सीया जी के पाबी भेल, मोन परसनमा, सुनू हे सजनी
भेलथिन विधाता बड़ सहाय
लतिका स्नेह गाबे, किछुओ ने भावे, सुनू हे सजनी
प्रभु पर सँ दिल नहि जाय, सुनू हे सजनी