Last modified on 1 जुलाई 2014, at 14:43

हमरो के पार लगैया / मैथिली लोकगीत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:43, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमरो के पार लगैया, परमेसरी मइया
आबऽ हो दीना नाथ भैया,
हमरो के पार लगैया
कथी के दियरा मइया, कथी सुत-बाती
कओने छै लेसबैया, परमेसरी मइया
सोना के दियरा मइया, पाट-सुत बाती हे
अबला नारी लेसबैया, परमेसरी मइया
कथी के नइया मइया, कथी करुआरि हे
किनकर भार लदबैया, परमेसरी मइया
सोना के नइया मइया, रूपा करुआरि हे
नारियल-केरा लदबइया, परमेसरी मइया
लियौ-लियौ अर्घ मइया, होइऔ सहैया
सब दिन पार लगैया, परमेसरी मइया