मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सुनू समधी मिनती हमार यो
ओतऽ कोठा ऊपर अँटारी, एतऽ टुटली मरैया परकारी
ओतऽ तरह-तरह तरकारी, एतऽ अनोने साग गेनहारी
ओतऽ अरबे चाउर सचारे, एतऽ उसनो नै परकारे
ओतऽ झारि पखारि गंगाजल, एतऽ बुजकट सेहो नै उसरल
ओतऽ खोआ औंटल दूधे, एतऽ उसिने भात अछि छूछे
एतऽ बट्टा भरल अदौरी, ओतऽ समधिन छिनरो करथि चिरौरी
एतऽ बट्टा भरल बताससा, ओतऽ समधिन छिनरो करथि तमासा