भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चलही सोनपुर के मेला गे छिनरो / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:04, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=ऋतू ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चलही सोनपुर के मेला गे छिनरो
चलही सोनपुर के मेला
चुड़ी पहिरेलकौ, लहठी पहिरेलकौ
धर बहियाँ झिकझोरा गे छिनरो
चलही सोनपुर के मेला
छेना खुओलकौ, रसगुल्ला खुओलकौ
तरो सऽ रस चुओलकौ गे छिनरो
चलही सोनपुर के मेला
केरा खुओलकौ पेरा खुओलकौ
ऊपर सँ केरा धकेला गे छिनरो
चलही सोनपुर के मेला