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झिलमिल साड़ी के रेशमी किनारी रे / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

झिलमिल साड़ी के रेशमी किनारी रे
चउपेतल साड़ी
सेहो साड़ी पहिरथु फल्लाँ छिनरिया
पहिरि ओढ़िए गली ठाढ़ी रे
घोड़बा चढ़ल अबथिन फल्लाँ रसिकबा
आइ किए गलियामे ठाढ़ी रे
चउपेतल साड़ी
ठाढ़ि तऽ ठाढ़ि रसिया अपन गलिया
तोहरो जीह किए तरसउ रे
चउपेतल साड़ी
सौंसे बदन छिनरो गोरी-भरी रे
तरक सुगबा किए ठाढ़ि-कारी रे
चउपेतल साड़ी
झिलमिल साड़ी के रेशमी किनारी रे
चउपेतल साड़ी