Last modified on 2 जुलाई 2014, at 12:59

आर गंगा पार जमुना / मैथिली लोकगीत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:59, 2 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=विवि...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आर गंगा पार जमुना, बिचे कदम्ब केर गाछ री
ताहि चढ़ि-चढ़ि कागा बाजय, कागक बोल अनमोल री
देबौ रे कागा सिर के पागा, उड़ि जाउ जहाँ कंत री
कागा पांखि दुई हंस लीखब, सोने मढ़ायब दुनू ठोर री
सासु हे दुख कहब ककरा, बेटा अहांक परेदश री
परदेश बालमु धनी अकेली, रिमझिम बरिसतु आजु री
गाइक गोबर चिकनी माटी, रानी निपथु मन्दीर री
ताहि चढ़ि कऽ राजा सूतल, रानी बेनियां डोलाय री
सुख दुख रानी कहय लगली, राजा तरसि कय बोल री