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सांझ दियऽ सांझ दियऽ / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सांझ दियऽ सांझ दियऽ
प्रेम के सुन्दरिया हे
सांझ बीतल जाइए
घरसँ बहार भेली
सुन्दर सोहागिन
लेसि लेल चौमुख दीप हे
सांझ बीतल जाइए
पहिल सांझ दियऽ कालीक आगू
रहती सभ दिन सहाय हे
सांझ बीतल जाइए
दोसर सांझ दियऽ कोबर घर हे
वर कन्याक बढ़त अहिबात हे
सांझ बीतल जाइए