मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सांझ भयो मुख दर्शन हे सखि सुन्दर भवनमे
के गाबथि के बजाबथि के आरती उतारथि
हे सखि सुन्दर भवनमे
सखि सब गाबथि गोपी सब बजाबथि राधा आरती उतारथि
हे सखि सुन्दर भवनमे
सांझ भयो मुख दर्शन हे सखि सुन्दर भवनमे
सांझ भयो मुख दर्शन हे सखि सुन्दर भवनमे
के गाबथि के बजाबथि के आरती उतारथि
हे सखि सुन्दर भवनमे
सखि सब गाबथि गोपी सब बजाबथि राधा आरती उतारथि
हे सखि सुन्दर भवनमे
सांझ भयो मुख दर्शन हे सखि सुन्दर भवनमे