हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लाडो दूर मत खेलण जा हे
सजन इब आवेंगे
वे तो आवेंगे घोड़े असवार
डोलै में तनै ले जावेंगे
मैं तो कूद पडूंगी बाबा जी की गोद
मैं तो कूद पडूंगी बाबल जी की गोद
फेर क्यूंकर ले जेंगे
मैं तो कूद पड़ूंगी ताऊ जी की गोद
मैं तो कूद पडूंगी चाचा जी गोद
फेर क्यूंकर ले जेंगे
मैं तो कूद पडूंगी मौसा जी की गोद
मैं तो कूद पडूंगी फूफा जी की गोद
फेर क्यूंकर ले जेंगे