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मैंडे के नीचे लाडो दो जणें खेलें / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मैंडे के नीचे लाडो दो जणें खेलें
एक सुसरा एक बाप
कुणसा है राह्या कुणसा है जीत्या
किसियो के लग रहे दाव
बाबल हार्या सुसरा जीत्या
बन्दड़े के लग रहे दाव
बाबल तेरा लाडो उस दिन हार्या
जिस दिन जनमी थी धी
टूटी खटोली तेरी मायड़ सौवे
तेरा बाप फिरै उदास
चौसठ दीवे बाल धरे थे
फेर बी घोर अंधेर
सुसरा तेरा लाडो उस दिन जीत्या
जिस दिन जनम्यां था पूत
लाल पिलंग तेरी सासड़ सोई
तेरा ससुर खर्चे दाम
एक कज दीवला बाल धर्या था
च्यारूं कूट उजाला