हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी
क्यांए की मांग भरावैगी
मिसरू पहरूंगी स्यालु औढूंगी
मोतियां की मांग भराऊंगी
म्हारी सांझी ए के जीमेगी के झूठेगी
क्यांए की चलुए भरावैगी
लाडू जीमूंगी पेड़ा झुठूंगी
इमरत की चलुए भराऊंगी