हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग
पीली पीली पट्टियां सदा सुहाग
मेरी सांझी के औरे धोरै चोल्यां की मुट्ठी हे
मैं तने बुज्झूं संझा तेरी कै तोल्यां की गुट्ठी हे
हे मेरे बाप घड़ाई बहना बीरण मोल चुकाई
बेबे नो तोल्यां की गुट्ठी के