Last modified on 14 जुलाई 2014, at 15:32

भजन हरि का कर प्राणी / हरियाणवी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:32, 14 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=हर...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

भजन हरि का कर प्राणी
दो दिन की है तेरी जिन्दगाणी
गरभ में जब दुख पाया था
धियान प्रभु सै लगाया था
अब क्यूं करता मनमाणी
भजन हरि का कर प्राणी
जब धरम राज कै जावैगा
वहां तोहे कौन छुड़ावैगा
माया संग नहीं जाणी
भजन हरि का कर प्राणी
माया देख के फूल ग्या
प्रभु को बिल्कुल भूल गया
माया साथ नहीं जाणी
भजन हरि का कर प्राणी