गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 14 जुलाई 2014, at 19:40
गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा / हरियाणवी
Sharda suman
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 19:40, 14 जुलाई 2014 का अवतरण
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=मह...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हरियाणवी लोकगीत
♦
रचनाकार:
अज्ञात
लोकगीतों की भाषा चुनें
अवधी
कन्नौजी
कश्मीरी
कुमाँऊनी
खड़ी बोली
गढ़वाली
गुजराती
गोंड
छत्तीसगढी
निमाड़ी
पंजाबी
बाँगरू
बांग्ला
बुन्देली
ब्रजभाषा
भदावरी
भोजपुरी
मगही
मराठी
माड़िया
मालवी
मैथिली
राजस्थानी
संथाली
संस्कृत
हरियाणवी
हिन्दी
हिमाचली
देखें
गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा,
सोने के कलसे में।
मैं बी तेरे संग चलूंगी,
गांधी के जलसे में