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जरमन ने गोला मार्या / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जरमन ने गोला मार्या
जा फूट्या अम्बर में
गारद में सिपाही भाजे
रोटी छोड़ गए लंगर में
उन बीरां का के जीणा
जिन के बालम छः नम्बर में