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नई हवाओं का संगीत / सविता सिंह

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वह एक औरत है

उसके पास अपनी एक फूटी कौड़ी भी नहीं

उसकी पीठ पर सदियों के नीले दाग़ हैं

मन में मगर नई हवाओं का संगीत