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प्यार / अनिता ललित
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प्यार...
खिलती मुस्कान, आँसू की ज़ुबान भी है!
तन्हाई का साथी, भीड़ में बियाबान भी है!
स्पर्श की मीठी सिहरन, तंज़ से लहूलुहान भी है!
पोखर में कमल, सागर में तूफ़ान भी है!
फूलों की ख़ुश्बू, काँटों का सामान भी है!
सूरज की तपिश, बारिश का वरदान भी है!
अमावस की रात, चाँदनी का अरमान भी है!
विरह की बदरी, पपीहे की तान भी है!
धड़कन की सरगम, जिस्म की जान भी है!
हर जवाब की बुनियाद, हर सवाल का एहतराम भी है!
प्यार...
जीवन का आग़ाज़, जीवन का अंजाम भी है...!!!