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बदलैत दुनियाँ / कालीकान्त झा ‘बूच’

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देवीजी उपकेंद्रक वाइफ छथि मेडीकल
साँची छन्हि "ठाढ़ी" मे आँचर " बहेरा" अंचल
अन्हरा ई दुनियाँ आ नेंगरा जमाना रौ
भनसाघर भासल आ पक्की पखाना रौ
बीकल घरारी पर भूखल छी भोजन नहि
चाहक हम पान करी आनक प्रयोजन नहि
बाहर मे हिंजड़ा आ भीतर मे लूपे छै
हमरा ले डगरा आ अपना ले सूपे छै
सुनियो क' सूनी नहि देखियो क' सूरदास
दिनुका विहन्न्ला छी रतुका अज्ञातवास
नाड़ी भेलि तेज आब आबि गेल ब्लडप्रेसर
औरदा अछैते हम मरबै हौ नागेसर...