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काटरक महिमा / कालीकान्त झा ‘बूच’
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महिमा ई काटर प्रथाक वड़ भारी
बाबा दलाल बाप वरदक व्यापारी
बेटा बछौड़ बीकि गेलै हजारी
शील सौन्दर्यक नहि कोनो सुमारी
हंसक घर एलै वगुलवा कुमारी
मरूआक रोटी पर तरूआ तरकारी
रेशमक सिक्का पर कनफुट्टा टारी
बलकुचही गोरा पर भरल बखारी
हुवघट्टू ड्राइवर लग मरसल्ली गाड़ी
ऑटी भरि धोती तर वोझ वनल साड़ी
दुव्वर कुमार मुँदा दोवरि कुमारी
उल्लू लग मयना हरिण लग पारी
बनराक हाथ पर पद्मिनिया नारी
लकलक चतरिया तर चतरल खेसारी
वाउ सुलहनामा त’ दाइ फौजदारी
आंगनक वाटे नहि कट्ठा भरि वारी
ऊॅचे जोतॉस मुँदा लेया घरारी
वऽर प्राइवेटे छथि कनियॉ सरकारी
वाऊ ब्रहमपुत्र दाई वंगोप खाड़ी
एक लोकमाया त’ एक ब्रहमचारी
भौजी छतौनी त’ भैया खरारी