भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नज़्म / मुज़फ्फ़र ‘आज़िम’
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:55, 12 नवम्बर 2014 का अवतरण
बाँध रख सकेगी हवा को मुट्ठी में?
झुला सकेगी लपटों को गोदी में?
तो फिर यहां
किसे आई भरमाने,
पगली!