भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

करन्ड कस्तूरी भरिया छाबा भरिया फूलड़ा जी / निमाड़ी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:19, 21 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=निमाड़ी }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

करन्ड कस्तूरी भरिया, छाबा भरिया फूलड़ा जी।
तुम भेजो हो धणियेर रनुबाई, जो हम करसां आरती जी
थारी आरतड़ी ख आदर दीसाँ,
देव दामोदर भेंटसा जी।।
करन्डी कस्तूरी भरिया, छाबा भरिया फूलड़ा जी।।