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नल बखरी मे लगवा दो साजना / बुन्देली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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नल बखरी में लगवा दो साजना,
बात मोरी नहीं टालना।
बालम होत बड़ी हैरानी,
हमखों भरन पड़त है पानी।
घर में बैठी रहत जिठानी
ननदी छोड़ गई गोबर को डालना। बात...
सासो भोरई आन जगावे, हमखों पानी खों पहुंचावें,
आठ बजे पानी भर पावें,
परो मोड़ा रोवत मेरो पालना। बात...
तुमरो दूर कुआं को पानी, भरतन मेरी चांद पिरानी
तई में होय बैलन की सानी,
दुपरै दस खेप ढोरन खों डारना। बात...
कालों तुमखों हाल सुनावें, सब घर रोजई मूड़ अनावें,
हम तो कछु अई नई कर पावें,
होती रुच-रुच के रोज की टालना। बात...
भोरई उठ कर दफ्तर जइयो,
रुपया पिया जमा कर अइयो
बालम इतनी मान हमारी लइयो,
नई तो पानी न जैहें हम बालमा। बात...