भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भइला पर बीमार / विनय राय ‘बबुरंग’

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:23, 1 फ़रवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनय राय ‘बबुरंग’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भइला पर बीमार
धरे के चाही पढ़ल-लखल
डाक्टर के दुआर
ओझइतन के हें जइबऽ त
कह देई कि
ई त फलाना क बरम ह
आ कुछ दिन में देखबऽ त
उनकर दिमाग
गरम ह।।