भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तेरा जीवेगा लाल / विनय राय ‘बबुरंग’

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:18, 2 फ़रवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनय राय ‘बबुरंग’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माई वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
बाबू वोेट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।।

चुनाव चिन्ह फाँसी क फंदा हउवे हमरो भइया
हमरे नीयर नेता आई तब्बे डोली नइया
पहिले हमके नेता बनाईं तब देखीं कमाल
बहिनी वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
भइया वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।

बड़का नेता बनिके सभकर खूब करब कल्यान
पहिले अपना दमदन क हम माफ करब लऽगान
लखनउवे से पूछल करब सभकर हाल चाल
नानिया वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
नाना वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।।

गली गली बिजुली लगवइबो भले रही ना लाइन
दिनवा नाची भूत ए भइया रतिया नाची डाइन
एक घाट पर पानी पिया के सभके करब हलाल
समधीन वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
समधी वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।।

जेकर मरदो जियत रही विधवा पेंसन दिलवाइब
अउरी ना त केहू के भइया सीधे सरग देखाइब
कइ के पूरा रामराज क सपना करब बहाल
ककिया वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
ककवा वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।।

मुँहनोचवन के खबर पठा के सभकर मुँहनोचवाइब
‘मुँहनोचवा क हल्ला कइलऽ’ उल्टे जेल भेजवाइब
नीति मोर केहू ना समझी जवन चलब हम चाल
सढुवाइन वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
साढू वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।।

सपना लगा के अपना नावें बड़का होटल खोलब
तोहरे हर चट्टी पर भइया पाउच हिरोइन ठेलब
छम्मा छम्मा नचिहऽ गइहऽ भले होइहऽ बेहाल
फुआ वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
फूफा वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।।

समाजवाद क नारा देके घर घर आगि लगाइब
भले देस रसातल जइहें आपन दाल गलाइब
तनिको देर ना लागी अइसन पैदा करब दलाल
मौसी वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।
मौसा वोट दे-दे तेरा जीवेगा लाल।।