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आजै र राती के देखेँ सपना / माधवप्रसाद घिमिरे
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आजै र राती के देखेँ सपना मै मरी गएको
बतास बिना हांगाको फूल भुइँ झरी गएको
मर्स्याङ्ग्दी नदी नरमाईलो सुसाई रहेको
कहाँ हो कहाँ बादल भित्र म रोई रहेको
वारि र पारि घाम र छायाँ माझैमा पियार
संसारमा जन्म, दिएर ईश्वर बैँशमा नमार
आजै र राती के देखेँ सपना मै मरि गएको
बतास बिना हांगाको फूल भुइँ झरि गएको