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धान जौ बइयो मोरे राजा से वीर / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
धान जौ बइयो मोरे राजा से वीर।
धान जो बइयो।
भैया के हाथन धान के दोना।
भौजी के हाथन दूध की झारी।
धान जौ बइयो बीरन धान जो बइयो
तुमरी बहिन धनवंती होय
धान जो बइयो।
दूध जो सींचो भौजी दूध से सींचो।
तुमरी ननद पुतवंती होय।
धान जो बइयो मोरे राजा से बीर
धान जो बइयो।