भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राजा जी की चाल बता गऔ देवरिया / बुन्देली
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:04, 13 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बुन्देली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
राजा जी की चाल बता गऔ देवरिया।
बेदी ले आओ बड़े भोर लगा ले भौजइया।
असमानी रंग है चोली बाकी तंग है
तीन वा तिरंगा झंडा काली बाके संग है। राजाजी की...
हार ले आओ बड़े भोर पहिर लै भौजइया। राजाजी की...
कंगन ले आओ बड़े भोर पहिर लै भौजइया।
असमानी रंग है चोली बाकी तंग है
तीन व तिरंगा झंडा काली बाके संग है। राजाजी की...
करधनी ले आओ बड़े भोर पहिर लै भौजइया। राजाजी की...
पायलिया ले आओ बड़े भोर पहिर लै भोजइया। राजाजी की...
असमानी रंग है चोली बाकी तंग है
तीन वा तिरंगा झंडा काली बाके संग है। राजाजी की...