Last modified on 13 मार्च 2015, at 22:47

मरोड़ दई बहियाँ कैसें उठें / बुन्देली

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:47, 13 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बुन्देली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मरोड़ दई बहियाँ कैसें उठें।
पैले पार मोखों निंदिया आ गई।
बुझाय दये दियला कैसें उठें।
दूजे पार मोरी निंदिया टूटी
लगाये दई किवरिया कैसें उठें।
तीजे पर मोखों घायल कर दऔ
मो सों करे बतिया कैसें उठें।
चौथे पार मोय हँस हँस हेरें
तुमाई भरें गुदियाँ कैसे उठें।
मरोड़ दई बहियाँ कैसे उठें।