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सूना चल्या ओका बजीतर रे भाई / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सूना चल्या ओका बजीतर रे भाई
उदास चल्या ओकी नगरी का लोग रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
गुण्डात्या चल्या ओका निशान रे भाई
उदास चली जोड़ा मोर रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
गल्ली मऽ थाड़ी ओकी माता पूछय रे भाई
मऽरोऽ मंगत केत्ताक दूरऽ रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।