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उड़न की होऊं माखोली बनदेवा / पँवारी
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पँवारी लोकगीत
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उड़न की होऊं माखोली बनदेवा
जेंहु बीरन का साथ रे बनदेवा
गौवा चराऊं मखऽ नींद नी आवत।।