Last modified on 21 मार्च 2015, at 11:29

उड़न की होऊं माखोली बनदेवा / पँवारी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:29, 21 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=पँवारी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

उड़न की होऊं माखोली बनदेवा
जेंहु बीरन का साथ रे बनदेवा
गौवा चराऊं मखऽ नींद नी आवत।।