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चप्पल पर भात / वीरेन डंगवाल

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किस्सा यों हुआ

कि खाते समय चप्पल पर भात के कुछ कण

गिर गए थे

जो जल्दबाज़ी में दिखे नहीं ।

फिर तो काफ़ी देर

तलुओं पर उस चिपचिपाहट की ही भेंट

चढ़ी रहीं

तमाम महान चिन्ताएँ ।